कछुआ के शरीर का शारीरिक वर्णन
- एक वैज्ञानिक अनूमान के अनुसार कछुआ पूरे 20 करोड़ सालों से पृथ्वी पर अस्तित्व में है
- कछुए का वैज्ञानिक नाम - Testudenis है।
- कछुए के शरीर एक कबच होता है जो उनकी खतरा ज्यादा होने पर पर बचाता है।
- इनके आस-पास खतरा महसूस होने पर ये अपना सिर और चारों पैरों को कबच के अन्दर सिकुड़ लेते हैं ।
- कछुए की चाल बहुत धीमी होती है और यही कारण है कि कक्षुआ सबसे धीमें प्राणी होते हैं ।
- कछुए के दांत नहीं होते हैं । भोजन चबाने के इनके शरीर में प्लेंट जैंसा हड्डी का पट होता है।
- कछुए की 318 से ज्यादा जातियां पृथ्वी पर उपलब्ध हैं। 60% जातियां जल में और 30% थल पर तथा 10% जातियां जल एवं थल दोनों पर रहतीं हैं।
- कछुए अंडा देने वाली प्रजाति है तथा साधारण कछुआ एक बार में करीब 30 अंडे तक दे देती है।
- बच्चों के निकलने का समय 90 से 120 दिन का होता है।
- गर्म इलाकों में रहने वाले कछुओं का रंग हल्का होता है जबकि ठण्डे इलाकों में रहने वाले कछुओं का रंग गहरा होता है।
- कछुए 150 साल से भी ज्यादा समय तक जी सकता है।
- विश्व सबसे ज्यादा 187 वर्ष तक जीने वाले कछुए का नाम जोनाथन है।
- कछुओं के रेटिना में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में कोशिकाओं के होने से ये आसानी से रात के अंधेरे में देख लेते हैं। यह रंगों को देख सकते हैं और पराबैंगनी किरणों से लेकर लाल रंग तक को देख सकते हैं। कुछ भूमि में पाये जाने वाले कछुओं में तेजी की बहुत कमी देखने को मिलती है, इस तरह की कमी ज्यादातर शिकारियों में होती है, जो अचानक तेजी से शिकार को शिकार बना लेते हैं। हालांकि कुछ मांसाहारी कछुए अपने सिर को तेजी से स्थानांतरित करने में सक्षम हैं।
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