Sunday, September 25, 2022

बीज की परिभाषा एवं प्रकार Definition Of Seed And Types

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परिभाषा(Defination)

“बीज (seed) पौधे का वह भाग है, जो फल के अंदर सुरक्षित रहता है और अंकुरण के पश्चात नए पौधे को जन्म देता है। बीज के अंदर भ्रूण (Embryo) स्थित होता है, बाद में विकसित होकर एक नए पौधे (Plant) को उत्पन्न करता है।

बीज का विकास (Development of Seeds)

परिपक्व बीज फल के अंदर उपस्थित होते हैं और बीजों का संपूर्ण विकास पुष्प के अण्डाशय में स्थित बीजाण्डों (Ovules) के द्वारा होता है। दूसरे शब्दों में बीज का निर्माण बीजाण्ड (Ovule) के द्वारा होता है।  
बीजाण्ड के विभिन्न भाग बीज के विभिन्न भागों का निर्माण करते हैं। जैसे बीजाण्ड के कृष्णपाल(funikcel) से बीज वृन्त, बाह्य आवरण से कवच (Testa), अन्तः आवरण से अंतः कवच (Tegmen) एवं अण्ड द्वार (Microp से बीज द्वार का निर्माण होता है।
बीज के दोनों आवरण क्रमशः टेस्टा व टेगमेन बीज चोल (Seed Coat) बनाते हैं। कभी-कभी ये दोनों आवरण आपस में इस तरह मिले होते हैं कि इन दोनों को अलग करना अत्यन्त कठिन होता है। व अलग-अलग रूप से नहीं पहिचाना जा सकता है। बीजचोल(Seed Coat) के अंदर का संपूर्ण भाग गिरी या करनैल (Kernel) कहलाता है जो दो या एक बीजपत्रों के रूप में होता है। इन्हीं बीजपत्रों के मध्य भ्रूण (Embryo) उपस्थित होता है। 

बीज में उपस्थित बीजपत्रों की संख्या के आधार पर बीजों को दो प्रकारों में बांटा गया है, जो इस प्रकार हैं। 

(1) एकबीजपत्री बीज(Monocotyledonous Seed)-

इस प्रकार के बीज में केवल एक ही बीजपत्र पाया जाता है। जैसे-चावल, मक्का, गेहूँ, घासें, ताड़, केला, प्याज तथा खजूर आदि एकबीजपत्री बीजों के उदाहरण हैं।

(2) द्विबीजपत्री बीज (Dicotyledonous Seed)-

द्विबीजपत्री बीजों में बीजपत्रों की संख्या दो होती है।। इन बीजों में धूण के विकास के लिये संचित भोजन बीजपत्रों में पाया जाता है इसलिये इनके बीजपत्र स्वस्थ्य मोटे एवं गूदेदार होते हैं। 

ये सभी प्रकार को दाल, अमरूद, आम, नीम, जामुन, कपास, इमली, लौकी, मटर, अण्डी आदि द्विबीजपत्री पौधों के उदाहरण हैं। लेकिन प्रायः सभी द्विबीजपत्री पौधों के बीजों में दो बीजपत्र होते हैं लेकिन अपवाद स्वरूप कुछ द्विबीजपत्री पौधों के बीजों में केवल एक ही बीजपत्र होता है।  जैसे भुईकेश (Corydalis) में। यह पोस्त कुल (Poppy Family/Papaveraceae) का एक पतला संजन आरोही (Tendril Climbing) तथा शाकीय पौधा (Herbaceous plant) है। ऐखोनिया (Abronia) में भी केवल एक ही बीजपत्र होता है। बहुत से परजीवियों (parasites) में एक भी बीजपत्र नहीं होता है। जैसे अमरबेल (Dodder) में। 


बीजों में भ्रूण के पोषण के लिये एक विशेष प्रकार का ऊतक पाया जाता है जिसे भूणपोष (Endosperm कहते हैं। बीजों में भूणपोष की उपस्थिति के आधार पर बीज दो प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार हैं। 


(1) भ्रूणपोषी बीज (Endospermic Seed) - ऐसे वे सभी बीज जिनमें भ्रूणपोष (Endosperm) पाया जाता है भ्रूणपोषी या एन्डोस्पर्मिक बीज कहलाते हैं। सभी एक बीजपत्री(Monocotyledons Seed) बीज एन्डोस्पर्मिक होते हैं। उदाहरण- सभी प्रकार के अन्न (जैसे धान, गेहूँ मक्का, नई, जी, ज्वार, बाजरा, गन्ना और बांस सम्मिलित करते हुए), ताड़, लिली (lilies), जिमीकन्द कुल के पौधे आदि।

 (2) अभ्रूणपोषी बीज (Non Endospermic Seeds)

वे सभी बीज जिनमें भ्रूणपोष या एन्डोस्पर्म नहीं या जाता अधूणपोषी या नॉन एन्डोस्पर्मिक बौज कहलाते हैं। जैसे द्विबीजपत्री बीज। अधिकतर सभी द्विबीजपत्री अभूणपोषी होते हैं। जैसे चना, मटर, सेम, लौकी, इमली, आम, कपास, दालें, सूरजमुखी, अमरूद आदि। लेकिन द्विबीजपत्री पौधों में अपवाद स्वरूप कुछ भ्रूणपीपी बीज भी पाए जाते हैं। जैसे-अरण्डी (Castor), पोस्त (Poppy), पपीता (Papaya), शरीफा, गुलअब्बास (Four o'clock plant) आदि ।







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