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बीज के प्रकार (Types Of Seeds)
उन्नत बीज की 5 श्रेणिया निम्न प्रकार है जो इस प्रकार है-
1.मूल केन्द्रक बीज (Nucleus Seed)–
इसे नाभीकीय बीज -यह किसी विकसित होने वाली नई किस्म का शुरूआती बीज है जो सबसे कम मात्रा में उपलब्ध रहता है। इस वर्ग के बीजों में सर्वाधिक आनुवांशिक शुद्धता (100%) पाई जाती है। इसे स्वयं प्रजनक द्वारा कृषि विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान संस्थाओ में उत्पादित किया जाता है। मूल केन्द्रक बीज के थेलों पर किसी भी रंग का टैग नही लगाया जाता है।
2. प्रजनक बीज (Breeder seed)–
यह बीज मूल केन्द्रक बीज की संतति है।इसे स्वयं प्रजनक द्वारा कृषि विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान संस्थाओं में उत्पादित किया जाता है। इसमें आनुवांशिक शुद्धता लगभग 100 प्रतिशत होती है। इसकी थैलीयों पर सुनहरे पीले (Golden yellow) रंग का टैग लगा होता है।
3.आधार बीज (Foundation Seed)–
प्रजनक बीज से जो बीज तैयार किया जाता है उसे आधार बीज कहते हैं। यह बीज राष्ट्रीय बीज निगम (NSC), पंजीकृत निजी संस्थाओं या बीज प्रमाणिकरण संस्था द्वारा तैयार किया जाता है। आधार बीज की आनुवांशिक शुद्धता 99.5-99.9 (> 99% ) प्रतिशत एवं भौतिक शुद्धता 99 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। आधार बीज की थैलियों पर सफेद (White) रंग का टैग लगा होता है।
4.पंजीकृत बीज (Registered Seed)–
यह बीज आधार बीज अथवा स्वय पंजीकृत रीज से तैयार किया जाता है। इस बीज में संतोष जनक आनुवांशिक पहचान एवं शुद्धता पाई जाती है। भारत में समान्यत पंजीकृत बीज का उत्पादन नही किया जाता है तथा आधार बीज से सीधा ही प्रमाणित बीज तैयार किया जाता है। • पंजीकृत बीज की थैलियों पर बैगनी (Purple) अथवा नारंगी (Orange) रंग का टैग लगा होता है।
5.प्रमाणित बीज (Certified Seed)–
यह बीज सामान्यत आधार बीज से तैयार किया जाता है। यह बीज किसान को व्यापारिक फसल उत्पादन हेतु सर्वाधिक वितरित किया जाता है। इसका उत्पादन स्वयं प्रमाणीकरण संस्था या उसकी देख रेख में किया जाता है जैसे सरकारी बीज निगम, बीज प्रमाणीकरण संस्था या स्वयं किसानो द्वारा प्रमाणित बीज तैयार किया जाता है। प्रमाणित बीज की बैलियों पर नीले रंग का टैग लगा होता है। इसमें आनुवांशिक शुद्धता एवं भौतिक शुद्धता 98 प्रतिशत से अधिक होती है।
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